हमारे शिक्षक

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** शिक्षक दिवस विशेष… जीवन-शिक्षक सारे देश के, हैं अपना अभिमान।जीवन गढ़ते मनुज का, इस धरती की शान॥इस धरती की शान, ज्ञान की वर्षा करते।जड़ चेतन से तृप्त, ज्ञान दे पीड़ा हरते॥भेदभाव से दूर, यही हैं सच्चे दीक्षक।मार्ग दिखाते श्रेष्ठ, हमारे सारे शिक्षक॥ अर्पण-अर्पण करना है हमें, लिया नेक जो ज्ञान।जनहित के उद्धार … Read more

गुरु मिलाता ईश

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* शिक्षक दिवस दिवस… गुरुजन का आदर करो, सदा झुकाओ शीश।गुरु ईश्वर से है बड़ा, वही मिलाता ईश॥वही मिलाता ईश, सत्य का पथ दिखलाता।करता जो सत्कार, सिद्धि सदैव ही पाता॥गुरु ही देता ज्ञान, करे जो निर्मल तन- मन।जीवन का आदर्श, सदा ही होते गुरुजन॥ माता पितु आचार्य का, करो सदा सम्मान।जीवन का … Read more

हालात

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* बदले हैं हालात अब, हाल हुए बेहाल।हवा जमाने की लगी, बदल गई है चाल॥बदल गई है चाल, काल है ये बेढंगा।शर्म हया को त्याग, हुआ है मानव नंगा॥कह ‘सेठी’ करजोर, शास्त्र जीवन में पढ़ ले।याद रखें संस्कार, तभी ये जीवन बदले॥ परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी … Read more

कलयुग का मानुष

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** कलयुग का मानुष बुरा, देख खड़ा है मौन।लुटती बाला रो रही, न्याय दिलाए कौन॥न्याय दिलाए कौन, लाज है खोती नारी।दुष्ट मनुज स्वाभाव, नहीं नारी अवतारी॥‘आशा’ कहती आज, नहीं है ये भावानुग।सिसक रही है आज, देख लो ये है कलयुग॥ कलयुग का यह हाल है, अपने रखते बैर।भाई-भाई लड़ रहे, पूछें कभी न … Read more

सावन और अति वर्षा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सावन आया जल बहक, मौसम में आवेग।मेघों ने हमको दिया, जल का पावन नेग॥जल का पावन नेग, क्यारियों में रौनक है।नदियों में सैलाब, बस्तियों में धक-धक है।राखी का त्योहार, खुशी के पल लाया है।ख़ूब पले अनुराग, देख सावन आया है॥ सावन आया ऐ सुनो, सब कुछ नहीं अनुकूल।बाढ़ों के चुभने लगे, … Read more

दोनों एक समान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जाने कैसी भिन्नता, मान रहे हैं लोग।बेटा-बेटी भेद का, पाले बैठे रोग॥पाले बैठे रोग, बेटियाँ होतीं आहत।बेटी कभी न बोझ, करो नहिं ख़ुद को तुम क्षत॥कहता सच मैं आज, भले कोई नहिं माने।बेटा-बेटी एक, सकल यह युग अब जाने॥ अँधियारा छाने लगा, भरी दुपहरी आज।सामाजिक अपराध का, करते हम सब काज॥करते … Read more

करना मत भेद

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* करना मत तुम भेद अब, बेटा-बेटी एक।बेटी प्रति यदि हेयता, वह बंदा नहिं नेक॥वह बंदा नहिं नेक, करे दुर्गुण को पोषित।बेटी हो मायूस, व्यर्थ ही होती शोषित॥दूषित हो संसार, पड़ेगा हमको भरना।संतानों में भेद, बुरा होता है करना॥ बेटा कुल का नूर है, तो बेटी है लाज।बेटा है संगीत तो, बेटी … Read more

आज तो सावन आया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सावन आया मन रहा, बूंदों का त्योहार।मौसम को तो मिल गया, क़ुदरत का उपहार॥क़ुदरत का उपहार, दादुरों में खुशहाली।खेतों में मुस्कान, सिंचाई है मतवाली॥मेघों का उपकार, धरा पर जल है आया।स्वर गूंजें चहुंओर, आज तो सावन आया॥ सावन आया द्वार पर, करने सबसे प्यार।मेघों द्वारा हो रहा, वर्षा का सत्कार॥वर्षा का … Read more

धरा की पीड़ा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** धरती माता रो रही, सबसे करे गुहार।बिगड़ रहा है नित्य ही, धरती का श्रृंगार॥धरती का श्रृंगार, बिगाड़े मानव हरपल।वृक्ष कटे नित जान, उजड़ता प्रतिपल जंगल॥प्राणयुक्त आधार, धरा दे सेवा करती।कटती बनकर मूक, पीर नित सहती धरती॥ धरती रखती गर्भ पर, अनुपम खनिज अपार।मानव करता खोखला, जगती का आधार॥जगती का आधार, संतुलन नित्य … Read more

व्यर्थ दिखावा

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** चादर छोटी पड़ रही, किया खर्च जो व्यर्थ।मनुज भूलता जा रहा, जीवन का क्या अर्थ॥जीवन का क्या अर्थ, दिखावा से क्या हासिल।धरें सदा संतोष, हृदय यह होवे शामिल॥आशा कहती नित्य, करें सबका नित आदर।उतना होवे खर्च, आपकी जितनी चादर॥ चादर होवे आपकी, उतनी रखिए चाह।संयमता के पथ चलें, मिलती तब है राह॥मिलती … Read more