कुल पृष्ठ दर्शन : 396

You are currently viewing हमारे शिक्षक

हमारे शिक्षक

आशा आजाद`कृति
कोरबा (छत्तीसगढ़)
****************************

शिक्षक दिवस विशेष…

जीवन-
शिक्षक सारे देश के, हैं अपना अभिमान।
जीवन गढ़ते मनुज का, इस धरती की शान॥
इस धरती की शान, ज्ञान की वर्षा करते।
जड़ चेतन से तृप्त, ज्ञान दे पीड़ा हरते॥
भेदभाव से दूर, यही हैं सच्चे दीक्षक।
मार्ग दिखाते श्रेष्ठ, हमारे सारे शिक्षक॥

अर्पण-
अर्पण करना है हमें, लिया नेक जो ज्ञान।
जनहित के उद्धार में, कर लें काम महान॥
कर लें काम महान, ज्ञान दें निर्धन जन को।
अंतर भरें प्रकाश, प्रफुल्लित कर दें मन को॥
शिक्षा का अभिदान, श्रेष्ठ हो भाव समर्पण।
दीन-हीन पर आप, समय कुछ कर दें अर्पण॥

शिक्षक-
शिक्षक तो अभिमान है, सकल जगत की शान।
ज्ञान दान से तृप्त कर, गढ़ते नव इंसान॥
गढ़ते नव इंसान, ज्ञान की वर्षा करते।
देते सुंदर सार, सत्य को मन में भरते॥
‘आशा’ कहती सार, जगत के सच्चे दीक्षक।
सत्य कर्म की राह, मार्ग दिखलाते शिक्षक॥

ज्ञानार्जन-
ज्ञानार्जन है जो किया, शिक्षक करते दान।
भाव धरे नि:स्वार्थ का, देते निर्मल ज्ञान॥
देते निर्मल ज्ञान, शिष्य बनना स्वीकारें।
होगा बुद्धि विकास, मिटे जिज्ञासा सारे॥
सत्य गलत का मार्ग, करें वे ही परिमार्जन।
उनका हो उद्धार, करें मन से ज्ञानार्जन॥

परिचय–आशा आजाद का जन्म बाल्को (कोरबा,छत्तीसगढ़)में २० अगस्त १९७८ को हुआ है। कोरबा के मानिकपुर में ही निवासरत श्रीमती आजाद को हिंदी,अंग्रेजी व छत्तीसगढ़ी भाषा का ज्ञान है। एम.टेक.(व्यवहारिक भूविज्ञान)तक शिक्षित श्रीमती आजाद का कार्यक्षेत्र-शा.इ. महाविद्यालय (कोरबा) है। सामाजिक गतिविधि के अन्तर्गत आपकी सक्रियता लेखन में है। इनकी लेखन विधा-छंदबद्ध कविताएँ (हिंदी, छत्तीसगढ़ी भाषा)सहित गीत,आलेख,मुक्तक है। आपकी पुस्तक प्रकाशाधीन है,जबकि बहुत-सी रचनाएँ वेब, ब्लॉग और पत्र-पत्रिका में प्रकाशित हुई हैं। आपको छंदबद्ध कविता, आलेख,शोध-पत्र हेतु कई सम्मान-पुरस्कार मिले हैं। ब्लॉग पर लेखन में सक्रिय आशा आजाद की विशेष उपलब्धि-दूरदर्शन, आकाशवाणी,शोध-पत्र हेतु सम्मान पाना है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जनहित में संदेशप्रद कविताओं का सृजन है,जिससे प्रेरित होकर हृदय भाव परिवर्तन हो और मानुष नेकी की राह पर चलें। पसंदीदा हिन्दी लेखक-रामसिंह दिनकर,कोदूराम दलित जी, तुलसीदास,कबीर दास को मानने वाली आशा आजाद के लिए प्रेरणापुंज-अरुण कुमार निगम (जनकवि कोदूराम दलित जी के सुपुत्र)हैं। श्रीमती आजाद की विशेषज्ञता-छंद और सरल-सहज स्वभाव है। आपका जीवन लक्ष्य-साहित्य सृजन से यदि एक व्यक्ति भी पढ़कर लाभान्वित होता है तो, सृजन सार्थक होगा। देवी-देवताओं और वीरों के लिए बड़े-बड़े विद्वानों ने बहुत कुछ लिख छोड़ा है,जो अनगिनत है। यदि हम वर्तमान (कलयुग)की पीड़ा,जनहित का उद्धार,संदेश का सृजन करें तो निश्चित ही देश एक नवीन युग की ओर जाएगा। देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“हिंदी भाषा से श्रेष्ठ कोई भाषा नहीं है,यह बहुत ही सरलता से मनुष्य के हृदय में अपना स्थान बना लेती है। हिंदी भाषा की मृदुवाणी हृदय में अमृत घोल देती है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की ओर प्रेम, स्नेह,अपनत्व का भाव स्वतः बना लेती है।”