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निश्चित ही ‘कोरोना’ को जीतोगे

सुबोध कुमार शर्मा 
शेरकोट(उत्तराखण्ड)

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करुणा से तुम निश्चित ही ‘कोरोना’ को जीतोगे,
स्वहित ओ परहित चिंतन तुम उर में जब लहोगे।
एकांतवास ओ स्वच्छता घर भर में तुम लाओ,
मोदी जी का संदेश अपना कर स्वस्थ राष्ट्र बनाओ॥

हम सबका भी पुनीत कार्य है देश हित करने का,
कोरोना पीर से जो अति पीड़ित को कुछ करने का।
अंतिम क्षण तक इस युद्ध में प्रतिभाग सदा करने का,
वैर-भाव मिटा उर के अब मानव हित रत सदा रहने का॥

कहना नहीं कुछ करना है कोरोना को हटाना है,
दिखे यदि लक्षण तुम्हें नहीं उसे अब छिपाना है।
नमन करो जोड़ कर हाथ सबको नहीं मिलना है,
कुछ नियम अपना कर जन-धन को ही बचाना है॥

शासन सत्ता के अथक प्रयास अविरल किये जा रहे हैं,
अंतर्मन चिंतन करो हम जीवन विमल किये जा रहे हैं।
मानव हित के महा यज्ञ में तुम भी स्व आहुति कर दो,
जितना कर सको मानव हित में अविलम्ब अब कर दो॥

परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है।  महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी  लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।

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