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हर चाल उसके हाथ में

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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कुदरत की शक्ति
को देख आज,
सारी मानव जाति
भयभीत है।
कुदरत को हमने
क्या-क्या दिया है,
और आधुनिक सुविधाओं
के लिए कुदरत से हमने,
क्या-क्या लिया है।
जंगल को उजाड़ दिया,
पर्वत को काट दिया
नदियों को मोड़ दिया,
आज ये उसका ही
परिणाम है।
कभी सूखा तो कभी बाढ़,
कभी आंधी तो कभी तूफान
हर चाल उसके हाथ में है,
सृजन-विध्वंस।
हम कुदरत के अंश हैं,
हमने ही कुदरत का दंश लिया॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।