कुल पृष्ठ दर्शन : 262

You are currently viewing वह भी सोचता है ?

वह भी सोचता है ?

ओमप्रकाश अत्रि
सीतापुर(उत्तरप्रदेश)
*******************************************************************

क्या
सोचता है,
पद्-दलित
अपमानित
कुण्ठित हर आदमी,
जो मैं
सोच रहा हूँ ?
क्या
मेरी तरह,
वो भी
जीवन को
आँसूओं से,
डूबने से बचाना चाहता है ?
सहमी हुई
ज़िन्दगी को
भयभीत रातों से,
सुबह
आँखों को,
छलकते हुए आँसूओं से
छुटकारा चाहता है ?
क्या,
मेरी तरह
वह भी
फुटपाथों पर,
ज़िन्दगी गुजारने से
बचना चाहता है,
भूख के लिए
भूख से लड़कर,
मरना नहीं चाहता है ?
क्या
मेरी तरह
वह भी,
अपने हक लिए
संघर्ष की
राह अपनाना चाहता है,
दाने-दाने को
मोहताज बच्चों के लिए,
हँसती-खेलती
ज़िन्दगी चाहता है ?
क्या
मेरी तरह,
उनकी भी इच्छा है
ख़ुदकुशी न करने की,
सपनों को
खौफ़नाक संकटों से,
बचाने की ?
क्या
वह भी,
चाहता है
कि
उसका श्रम
गुलामी से मुक्त हो,
उसके
काम की
मेहनत की पूरी-पूरी,
पारिश्रमिकता मिल सके ?
उसके हाथ,पीठ और सिर
कभी बेगारी से बच सकें,
न ही,
धनाढ्यों की
ज्यादती ही सह सके ?

परिचय-ओमप्रकाश का साहित्यिक उपनाम-अत्रि है। १ मई १९९३ को गुलालपुरवा में जन्मे हैं। वर्तमान में पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती शान्ति निकेतन में रहते हैं,जबकि स्थाई पता-गुलालपुरवा,जिला सीतापुर है। आपको हिन्दी,संस्कृत,अंग्रेजी सहित अवधी,ब्रज,खड़ी बोली,भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। उत्तर प्रदेश से नाता रखने वाले ओमप्रकाश जी की पूर्ण शिक्षा-बी.ए.(हिन्दी प्रतिष्ठा) और एम.ए.(हिन्दी)है। इनका कार्यक्षेत्र-शोध छात्र और पश्चिम बंगाल है। सामाजिक गतिविधि में आप किसान-मजदूर के जीवन संघर्ष का चित्रण करते हैं। लेखन विधा-कविता,कहानी,नाटक, लेख तथा पुस्तक समीक्षा है। कुछ समाचार-पत्र में आपकी रचनाएं छ्पी हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-शोध छात्र होना ही है। अत्रि की लेखनी का उद्देश्य-साहित्य के विकास को आगे बढ़ाना और सामाजिक समस्याओं से लोगों को रूबरू कराना है। इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ सहित नागार्जुन और मुंशी प्रेमचंद हैं। आपके लिए प्रेरणा पुंज- नागार्जुन हैं। विशेषज्ञता-कविता, कहानी,नाटक लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
“भारत की भाषाओंं में है 
अस्तित्व जमाए हिन्दी,
हिन्दी हिन्दुस्तान की न्यारी
सब भाषा से प्यारी हिन्दी।”

Leave a Reply