मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’
फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)
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इंसान बने इंसान का सहायक,
वही सच्चा इंसान है
जो सम्मान बांटता जग में,
वो पाता सम्मान है।
धैर्य और सज्जनता से जो,
जीवन यापन करते हैं
दु:ख-दर्द भाँपते औरों के,
वो प्रेम स्थापन करते हैं।
सबके हित में हरदम रहते,
करते काम महान हैं
इंसान बने इंसान का सहायक,
वही सच्चा इंसान है।
जीवन के दस्तूर निभाकर,
आत्मबल से काम करें
औरों के हित में रहकर के
जीवन भर संग्राम करें।
दया धर्म का मान जो रखे,
वही चतुर सुजान है।
इंसान बने इंसान का सहायक,
वही सच्चा इंसान है॥