कुल पृष्ठ दर्शन : 224

You are currently viewing वसुधा से पहचान

वसुधा से पहचान

अनिल कसेर ‘उजाला’ 
राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)
*********************************************************************

वसुधा से है पहचान हमारी,
धरती माँ है जान हमारी।

जब तक जीवन चलता है,
भरती साँसों में उड़ान हमारी।

हरी-भरी हो धरती प्यारी,
बढ़ जाती है शान हमारी।

काटो न,तुम पेड़ लगाओ,
होगी खुशियों की तान हमारी।

नदिया,सागर और बांध सरोवर,
जिंदगी को करते आसान हमारी।

अन्न,जल और पवन से धरा में,
मिलती जीवन को जगह हमारे।

प्रकृति को छेड़ के न कर नादानी,
नाम का होता फिर विज्ञान हमारा।

परिचय –अनिल कसेर का निवास छतीसगढ़ के जिला-राजनांदगांव में है। आपका साहित्यिक उपनाम-उजाला है। १० सितम्बर १९७३ को डोंगरगांव (राजनांदगांव)में जन्मे श्री कसेर को हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा आती है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)तथा पीजीडीसीए है। कार्यक्षेत्र-स्वयं का व्यवसाय है। इनकी लेखन विधा-कविता,लघुकथा,गीत और ग़ज़ल है। कुछ रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सच्चाई को उजागर करके कठिनाइयों से लड़ना और हिम्मत देने की कोशिश है। प्रेरणापुंज-देशप्रेम व परिवार है। सबके लिए संदेश-जो भी लिखें,सच्चाई लिखें। श्री कसेर की विशेषज्ञता-बोलचाल की भाषा व सरल हिन्दी में लिखना है।

Leave a Reply