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परेशानी,सुनो सारे जहां में है

जसवीर सिंह ‘हलधर’
देहरादून( उत्तराखंड)
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गरीबी भूख वीरानी सुनो सारे जहां में है।
अमीरों की कद्रदानी सुनो सारे जहां में है।

कहीं थोड़ा कहीं ज्यादा कहीं पूरा कहीं आधा,
दुखी की आँख में पानी सुनो सारे जहां में है।

कहीं आतंक डेरा है कहीं नस्ली बसेरा है,
जहालत से परेशानी सुनो सारे जहां में है।

किसी का हाल खस्ता है किसी की मौज मस्ती है,
कहीं भिक्षुक कहीं दानी सुनो सारे जहां में है।

किसी के पास एटम है किसी पै खास वैपन है,
उगी यह सोच शैतानी सुनो सारे जहां में है।

किया ये चीन ने कौतुक उसी को भोगना होगा,
उसी की अब निगेहबानी सुनो सारे जहां में है।

अकेले हिन्द में क्यों दूसरी ये लहर आयी है,
अचंभा और हैरानी सुनो सारे जहां में है।

अभी ‘हलधर’ कहा थोड़ा गधे को क्यों कहूँ घोड़ा,
सियासत गिद्ध के मानी सुनो सारे जहां में है॥

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