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महेश करें तुम्हारी वंदना

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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महेश जयंती ३१ मई विशेष………..


भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना॥

हम माहेश्वरी भगवान महेश की संतान हैं,
महादेव का मिला हम सभी को ये वरदान है।
करें हम जो अपना व्यापार खुद ही व्यवहार से,
ये ही हमारी माहेश्वरी होने की शान है॥

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना॥

छोड़ कर हिंसा गए महादेव की हम जो शरण,
मिला हमको तराजू किया महेश को नमन चरण।
महेश के आशीर्वाद से बने हम माहेश्वरी,
करते हैं महादेव महेश को तन-मन समर्पण॥

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना॥

आपने ही हमको विवेक बुद्धि तेज ज्ञान दिया,
हारे थे हम जीवन फिर से जीवन का दान दिया।
दिल में करूणा भरी है करते हम देश सेवा,
बना कर माहेश्वरी आपने ये सम्मान दिया॥

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना॥

तुम्हारे वंश के तुम्हारे चरणों में आये,
दिल के सुमन तुम्हारी चरणों में हम जो लाये।
माहेश्वरी होने हमको खुद को ये गुमान है,
महेश तुम्हारी वंदना की महिमा हम गायें॥

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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