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पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी ने हिंदी पखवाड़ा में किए विविध कार्यक्रम

शिलांग(मेघालय)।

पूर्वोत्तर भारत की राष्ट्रभाषा को समर्पित सक्रिय संस्था पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी(शिलांग) द्वारा हिंदी पखवाड़ा के दौरान विभिन्न हिंदी के कार्यक्रमों का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इसमें कवि सम्मेलन सहित भेंटवार्ता एवं साक्षात्कार आदि रहे।
अकादमी के सचिव डॉ. अकेलाभाई के अनुसार ३० सितम्बर को कवि सम्मेलन किया गया,जिसमें राजस्थान से अतुल कुमार माथुर,बिहार से रुमान युसुफ और मो. नसीम अख्तर,बिहार से जान मोहम्मद अंसारी,असम से विनय कुमार बुद्ध,पंजाब से डॉ. पूनम गुप्त एवं शिलांग(मेघालय) से डॉ. अकेलाभाई ने भाग लिया। ऐसे ही महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जन्म दिवस के अवसर पर पद्मश्री डॉ. रवीन्द्र कुमार, (पूर्व कुलपति) और नागरी लिपि परिषद(नई दिल्ली) के अध्यक्ष डॉ. परमानंद पांचाल की भेंटवार्ता और पटना की रूपाली चक्रवर्ती का भजन फेसबुक से प्रसारित किया गया। डॉ. अकेलाभाई ने कार्यक्रमों का संचालन किया। इसके साथ ही ३ अक्तूबर की शाम को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के परमहंस तिवारी,महाराष्ट्र से प्रो. सुवर्णा जाधव,नई दिल्ली से पुष्पलता राठौर एवं मेघालय से जगवीर सिंह कौशिक ने भाग लिया। मध्यप्रदेश से अंतरा करवड़े ने इस सम्मेलन का संचालन किया। यह सम्मेलन करीब १ घंटे जारी रहा।
आपने बताया कि,४ अक्तूबर को केन्द्रीय हिंदी संस्थान(आगरा) के पूर्व निदेशक प्रो. नंदकिशोर पाण्डेय का साक्षात्कार प्रसारित किया गया। साक्षात्कार को डॉ. अकेलाभाई ने प्रस्तुत किया। साक्षात्कार के दौरान पूर्वोत्तर भारत में हिंदी के विकास में संस्थान के योगदान पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
इसी दिन एक और कवि सम्मेलन २ सत्रों में किया गया। पहले सत्र का संचालन बिहार की शुचि स्नेहा ने किया। इस सत्र में सम्मिलित कवि उत्तर प्रदेश से डॉ. रघुनाथ पाण्डेय,राजस्थान से रतन लाल मेनारिया, हरियाणा से पंकज शर्मा और एवं बिहार से विकास सिंह कुशवाहा रहे। दूसरे सत्र का संचालन डॉ. अकेलाभाई ने किया,और सत्र में सुरेन्द्र कुमार पाठक,अरुणाचल से सरस्वती कुमारी,छतीसगढ़ से अमृति शुक्ला और डॉ. गीता गीत(मध्यप्रदेश)आदि शामिल हुए।

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