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देशभक्ति

आकांक्षा चचरा ‘रूपा’
कटक(ओडिशा)
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वीर सपूतों की गाथा,
सारा भारत ही गाता है
देख के इनका जज्बा,
दुश्मन थर-थर थर्राता है।
करते हैं रक्षा यह हमारी,
आंतकी शैतानों से।
भरा पड़ा इतिहास हमारा,
वीरों के बलिदानों से…॥

मिलती है वर्दी जिनको,
वो किस्मत वाले होते हैं
उनके होने से ही हम,
रातों को चैन से सोते हैं।
रहें सलामत वीर हमारे,
निकले दुआ जुबानों से।

शीश झुकाया नहीं भले ही,
अपने प्राण गवाएँ हैं
धूल चटाई बैरी को,
जब उसने आँख उठाई है।
शत्रु सीमा लांघ ना जाए,
खड़े रहे चट्टानों से।

देखा जलते,भारत माँ को,
किस तरह रूदन करती है
भारत की सेना के रूप में,
उसकी मृत्यु आई है।
मार भगाया है दुश्मन को,
सरेआम मैदानों से।

उनकी पुत्री की आबरू,
सरेआम जब लुटती है।
रो रहे किसान,
बेमौत मारे जाते हैं।
गरीब मर रहे अन्न बिना,
बेटी गर्भ में मारी जाती है।

उठो मेरे देश के वासी,
अब तो आँखें खोलो।
आजादी की कीमत हमें,
देशप्रेम से चुकानी है।
जाति-धर्म-मतभेद मिटा,
कर एकता दिखानी है।
भरा पड़ा इतिहास हमारा,
वीर के बलिदानों से…॥

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