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प्यारी बिटिया

रेणू अग्रवाल
हैदराबाद(तेलंगाना)
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बिटिया रानी बड़ी सयानी,
सबको याद दिलाती नानी।
पल में रूठे पल में माने,
सुने बड़े प्रेम से कहानी।

घर-भर में ऊधम मचाए,
खिलखिलाकर हँसे-गाए।
घर में घर-घर खेलती,
रोती-रोती गुड्डी बिदा कराए।

बिन बिटिया आँगन सूना,
रोते हाथी खेल-खिलौना।
भैया भी उदास भयो है,
अब किसको छेड़े किसका रोना।

आँगन की तुलसी-सी बिटिया,
मोगरे की कली-सी बिटिया।
फ़ूल गुलाब का घर में खिलता,
गेंदे की पीली पत्ती-सी बिटिया।

अचार चट-पट खा जाती,
पापड़ को तल-तल खा जाती।
बरनी-डिब्बे तुझे बुलाते,
कहाँ है बिटिया कब है आती।

पापा मेले में गुब्बारा दिलाते,
चमन में ले नज़ारा दिखलाते।
मीठे-मीठे बुढ़िया के बाल है खाती,
चूरन को झट से चाट है जाती।

बिटिया हो गई अब तो सयानी,
दूजे घर की बनी है महारानी।
दिनभर चूल्हा चौका करती,
सास-ससुर का ध्यान है धरती।

पति ननद देवर को ख़ुश है रखना,
ये बने सब अब भाई-बहना।
भूलना होगा पीहर के लाड़ सब,
ससुराल में माँ की इज़्ज़त रखना।

बेटी राजा भी रख नहीं पाता,
सीता को वन भी है सुहाता।
हस्तिनापुर की महारानी,
पांच पतियों सँग उसकी गाथा।

कितना लिखें अंत नहीं है,
बेटी बिन कोई सँग नहीं है।
दो-दो घर की लाज संभाले,
बेटी जैसी ज्वलन्त नहीं है॥

परिचय-रेणू अग्रवाल की जन्म तारीख ८ अक्टूबर १९६३ तथा जन्म स्थान-हैदराबाद है। रेणू अग्रवाल का निवास वर्तमान में हैदराबाद(तेलंगाना)में है। इनका स्थाई पता भी यही है। तेलंगाना राज्य की वासी रेणू जी की शिक्षा-इंटर है। कार्यक्षेत्र में आप गृहिणी हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत समाज में शाखा की अध्यक्ष रही हैं। लेखन विधा-काव्य(कविता,गीत,ग़ज़ल आदि) है। आपको हिंदी,तेलुगु एवं इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। प्रकाशन के नाम पर काव्य संग्रह-सिसकते एहसास(२००९) और लफ़्ज़ों में ज़िन्दगी(२०१६)है। रचनाओं का प्रकाशन कई पत्र-पत्रिकाओं में ज़ारी है। आपको प्राप्त सम्मान में सर्वश्रेष्ठ कवियित्री,स्मृति चिन्ह,१२ सम्मान-पत्र और लघु कथा में प्रथम सम्मान-पत्र है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-गुरुजी से उज्जैन में सम्मान,कवि सम्मेलन करना और स्वागत कर आशीर्वाद मिलना है। रेणू जी की लेखनी का उद्देश्य-कोई रचना पढ़कर अपने ग़म दो मिनट के लिये भी भूल जाए और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-हर हाल में खुशी है। विशेषज्ञता-सफ़ल माँ और कवियित्री होना है,जबकि रुचि-सबसे अधिक बस लिखना एवं पुरानी फिल्में देखना है।

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