कुल पृष्ठ दर्शन : 268

You are currently viewing शिक्षा को सम्मान दिलाया

शिक्षा को सम्मान दिलाया

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’
अल्मोड़ा(उत्तराखंड)

**************************************************

शिक्षक की गरिमा को जिसने मान दिलाया।
कर्म क्षेत्र में शिक्षा को सम्मान दिलाया॥
आज दिवस उनका ही जो थे महाविचारक।
‘शिक्षक दिवस’ रूप में जो थे ज्ञान प्रचारक॥

आज नमन ‘राधाकृष्णन् जी’ को है करते।
पाँच सितंबर को शिक्षक दिन सभी मनाते॥
थे उद्भट विद्वान जो बालक बचपन से ही।
तिरुत्तिणी में पाई शिक्षा थी घर पर ही॥

प्रारंभिक शिक्षा मिशनरी क्रिश्चियन पायी।
आगे की मद्रास बड़े कॉलेज में पायी॥
रहे सदा अपनी कक्षा में उच्च शिखर पर।
बने वहीं प्राध्यापक दर्शन से एम.ए. कर॥

प्रेरित जो टैगोर वीर सावरकर से थे।
भारत के विद्वान विवेकानंदन् से थे॥
शिक्षाविद वक्ता तेजस्वी उपदेशक थे।
ज्ञानपुंज विद्वान महान कुशल लेखक थे॥

जीवनभर बीता पढ़ने शिक्षा देने में।
गौरव भारतवर्ष सदा ऊँचा करने में॥
संस्कृति व आदर्श देश का सदा बढ़ाया।
महानता से ही जिसने ऊँचा पद पाया॥

राजनीति में भी शिक्षा परचम लहराया।
पूरा जीवन ज्ञानज्योति का दिया जलाया॥
जीवनभर प्राध्यापक व कुलपति के पद जो।
स्वतंत्र भारत के उप राष्ट्रपति प्रथम रहे जो॥

आगे बढ़े प्रगति के पथ पर राष्ट्रपति बन।
देश सँभाला महादार्शनिक ने निज जीवन॥
याद सदा आएंगे अपनी महानता से।
साधारण व्यक्तित्व विद्वता उदारता से॥

परिचय–डॉ.धाराबल्लभ पांडेय का साहित्यिक उपनाम-आलोक है। १५ फरवरी १९५८ को जिला अल्मोड़ा के ग्राम करगीना में आप जन्में हैं। वर्तमान में मकड़ी(अल्मोड़ा, उत्तराखंड) आपका बसेरा है। हिंदी एवं संस्कृत सहित सामान्य ज्ञान पंजाबी और उर्दू भाषा का भी रखने वाले डॉ.पांडेय की शिक्षा- स्नातकोत्तर(हिंदी एवं संस्कृत) तथा पीएचडी (संस्कृत)है। कार्यक्षेत्र-अध्यापन (सरकारी सेवा)है। सामाजिक गतिविधि में आप विभिन्न राष्ट्रीय एवं सामाजिक कार्यों में सक्रियता से बराबर सहयोग करते हैं। लेखन विधा-गीत, लेख,निबंध,उपन्यास,कहानी एवं कविता है। प्रकाशन में आपके नाम-पावन राखी,ज्योति निबंधमाला,सुमधुर गीत मंजरी,बाल गीत माधुरी,विनसर चालीसा,अंत्याक्षरी दिग्दर्शन और अभिनव चिंतन सहित बांग्ला व शक संवत् का संयुक्त कैलेंडर है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में बहुत से लेख और निबंध सहित आपकी विविध रचनाएं प्रकाशित हैं,तो आकाशवाणी अल्मोड़ा से भी विभिन्न व्याख्यान एवं काव्य पाठ प्रसारित हैं। शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पुरस्कार व सम्मान,दक्षता पुरस्कार,राधाकृष्णन पुरस्कार,राज्य उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार और प्रतिभा सम्मान आपने हासिल किया है। ब्लॉग पर भी अपनी बात लिखते हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न सम्मान एवं प्रशस्ति-पत्र है। ‘आलोक’ की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा विकास एवं सामाजिक व्यवस्थाओं पर समीक्षात्मक अभिव्यक्ति करना है। पसंदीदा हिंदी लेखक-सुमित्रानंदन पंत,महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’,कबीर दास आदि हैं। प्रेरणापुंज-माता-पिता,गुरुदेव एवं संपर्क में आए विभिन्न महापुरुष हैं। विशेषज्ञता-हिंदी लेखन, देशप्रेम के लयात्मक गीत है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का विकास ही हमारे देश का गौरव है,जो हिंदी भाषा के विकास से ही संभव है।”

Leave a Reply