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सदा धर्म निभाना

भुवन बिष्ट
रानीखेत (उत्तराखंड)
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रक्षाबंधन पर्व विशेष………..

आज लिखो कल भूल न जाना,
सच्चे भ्राता बन सदा धर्म निभाना।
कहीं न अस्मत लूटे धरा पर,
अबला न हो कोई बहिन धरा पर॥
पावन रक्षा के धागे से,
बहे मानवता पावनता धरा पर।
हर नारी को मिले सम्मान सदा,
ऐसी ही झलक सब दिखलाना॥
भारत भू की हर बहना की,
सब रक्षा को अब आगे आना..।
आज लिखो कल भूल न जाना,
सच्चे भ्राता बन सदा धर्म निभाना…॥

बनना नहीं नरपिशाच कभी,
बहना पर आये न आँच कभी।
पावन धागे से भी कर लो,
स्वयं के मन की जाँच सभी॥
दहले न कभी दहलीज कोई,
चक्षु मोती न बिखराना…।
आज लिखो कल भूल न जाना,
सच्चे भ्राता बन सदा धर्म निभाना…॥

लेखनी की ताकत को अब,
व्यभाचारी पर भी चलाना।
रहे सुरक्षित हर एक बहना,
सदा अपराधी को सजा दिलाना॥
इस पावन रक्षा के धागे का,
सदा सदा ही कर्ज निभाना।
आज लिखो कल भूल न जाना,
सच्चे भ्राता बन सदा धर्म निभाना…॥

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