गाँव की याद

आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** हवाएं रुख बदलती है अब गाँव जाने को,घटाएं रुख़ बदलती हैं अब गाँव जाने को। घर-गाँव की वो पावन धरती,खेतों खलिहानों की मिट्टी। हमें बुलाती आज वही,जहां बचपन बीता खेल-कूद। जहां दादा-दादी का शासन,जहां प्यारी माता का आँचल। जहां पिता का मिलता प्यार-दुलार,जहां भाई-बहन का प्रेम अपार। जहां खुशबू बसती फूलों में,जहां … Read more

जिंदगी किराए का घर

आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** जिंदगी के गीत को हम गुनगुनाते हैं,मुश्किल छोटी हो या बड़ी,हम गुजारते हैं। जिंदगी मेरा सिर्फ किराए का घर है,यकीन मानो ईश्वर के हम किरायेदार हैं। ब्रह्मा जी लेकर बैठे हैं जो पोथी और पत्रा,किरायेदारों का उसी में होता है लेखा-जोखा। मुश्किल भरी जिंदगी को आसान करो अब,खाली हाथ आए हैं हम,खाली … Read more