गाँव की याद

आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** हवाएं रुख बदलती है अब गाँव जाने को,घटाएं रुख़ बदलती हैं अब गाँव जाने को। घर-गाँव की वो पावन धरती,खेतों खलिहानों की मिट्टी। हमें बुलाती आज वही,जहां…

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जिंदगी किराए का घर

आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** जिंदगी के गीत को हम गुनगुनाते हैं,मुश्किल छोटी हो या बड़ी,हम गुजारते हैं। जिंदगी मेरा सिर्फ किराए का घर है,यकीन मानो ईश्वर के हम किरायेदार हैं। ब्रह्मा…

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