गाँव की याद
आदर्श पाण्डेयमुम्बई (महाराष्ट्र)******************************** हवाएं रुख बदलती है अब गाँव जाने को,घटाएं रुख़ बदलती हैं अब गाँव जाने को। घर-गाँव की वो पावन धरती,खेतों खलिहानों की मिट्टी। हमें बुलाती आज वही,जहां…
0 Comments
July 5, 2021