चार लोगों ने कहा…..

अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** चार लोगों ने कहा..हम, चार पग फिर बढ़ गए। चार युग की व्यंजना में, काल-कलि हमको मिला। चार ॠतुओं में विहरने, का मिला हमको सिला। चार…

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प्रेमआँसू सप्तक

  अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** कुछ आँसू पीड़ा जनित,कुछ में हर्ष अपार। कुछ में राधा की विरह,कुछ कान्हा का प्यारll कुछ आँसू में दिख रहा,मीरा का विश्वास। कुछ आँसू कातर…

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चुनावी चकमक-जै खद्दर धारी…

अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जै खद्दरधारी,भइया...जै खद्दर धारी, वरदहस्त हो तुम्हरा...विपत्ति टरै सारीl भइया...जै खद्दरधारीll देख चुनावी मौसम...फौरन प्रकट भए, जीत इलेक्शन भाई,सब-कुछ गटक गएl जातिवाद के पोषक,शकुनि के अवतारी,…

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नियति से हारा नहीं हूँ…

अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** जलधि-सा उन्मुक्त मैं ! पर- चित्त से खारा नहीं हूँl चातकों-सी साधना है- नियति से हारा नहीं हूँll पीर! पर्वत बन भले ही- व्योम से कर…

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