चार लोगों ने कहा…..
अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** चार लोगों ने कहा..हम, चार पग फिर बढ़ गए। चार युग की व्यंजना में, काल-कलि हमको मिला। चार ॠतुओं में विहरने, का मिला हमको सिला। चार दिन की जिंदगी में, स्वप्न कितने गढ़ गए। वेद चारों भूलकर..बस, अहं रसवंती हुआ। हरित शैशव,पीत यौवन, प्रौढ़ बासंती हुआ। फिर विवश से वृद्धपन पर, … Read more