जीवन जीने की कला है `आध्यात्म `

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* एक अंध विद्यालय में एक दिन शिक्षक ने ‘हाथी पृथ्वी पर सबसे विशाल जानवर है’ यह बताया। यह सुनकर उन अंधे विद्यार्थियों ने अपने शिक्षक से हाथी को जानने की जिज्ञासा प्रकट की। संयोगवश एक महावत अपने हाथी के साथ उसी समय विद्यालय के सामने से जा रहा था। शिक्षक के … Read more

जवानी

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* बहुत कुछ कर गुजरने को,मचलती भावनाएं जब, नहीं अन्याय सह पाती,रगों में वह रवानी है। न केवल उम्र से ही वास्ता होता है सब उसका, जवानी जगमगाती ज्योति की उज्ज्वल निशानी है॥ देश के दुश्मनों का जो,कलेजा चीर कर रख दे, लगाए जख्म में मरहम,हृदय की पीर जो हर ले। अनीति … Read more

जानते हुए भी गलत कार्य क्यों करते हैं ?

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* अर्जुन ने श्रीकृष्ण से अति सुंदर प्रश्न किया था कि,हर व्यक्ति अपना भला-बुरा,धर्म-अधर्म,पाप-पुण्य,उचित-अनुचित समझता है,फिर भी जबरदस्ती,न चाहते हुए भी पाप और अधर्माचरण में लिप्त क्यों हो जाता है। दुर्योधन ने भी कहा था कि,- “जानामि धर्मम् न च में प्रवृत्ति, जानामि अधर्मम् न च में निवृत्ति।” अर्थात मैं धर्म भी … Read more