तन्हा हूँ मैं

अमृता ‘अमृत’ शिकोहपुर (उत्तरप्रदेश) ******************************************************************************** तन्हा मैं हूँ,तन्हा तुम हो, तन्हाई से फिर क्या डरना प्रीत नहीं जब प्रीत से ही, जग रीत से फिर क्या डरना।     जीवनभर का,कोई मेल नहीं, अब तो तू हाथ मिला तेरे जख्मों का मेरे जख्मों से, मिलकर मरहम-सा बना दिल टूट गया,जब पहले ही, दिल टूटने से … Read more

मुहब्बत सोचने वालों के बस की बात ना होती

अमितू भारद्वाज शिकोहपुर (उत्तरप्रदेश) ******************************************************************************** मुहब्बत सोचने वालों के,बस की बात ना होती, ये आँखें सूख जाती तो,कोई बरसात ना होती। ना आते तुम ख्वाबों में,अगर चितचोर के जैसे, उड़ी होती पतंग मन की,बता बिन डोर के कैसेl मेरी नदियों का सागर बन सहारा हो गया होता, जो मेरे पास है सारा,तुम्हारा हो गया होताl … Read more