तन्हा हूँ मैं
अमृता ‘अमृत’ शिकोहपुर (उत्तरप्रदेश) ******************************************************************************** तन्हा मैं हूँ,तन्हा तुम हो, तन्हाई से फिर क्या डरना प्रीत नहीं जब प्रीत से ही, जग रीत से फिर क्या डरना। जीवनभर का,कोई मेल नहीं, अब तो तू हाथ मिला तेरे जख्मों का मेरे जख्मों से, मिलकर मरहम-सा बना दिल टूट गया,जब पहले ही, दिल टूटने से … Read more