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मुहब्बत सोचने वालों के बस की बात ना होती

अमितू भारद्वाज
शिकोहपुर (उत्तरप्रदेश)
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मुहब्बत सोचने वालों के,बस की बात ना होती,
ये आँखें सूख जाती तो,कोई बरसात ना होती।

ना आते तुम ख्वाबों में,अगर चितचोर के जैसे,
उड़ी होती पतंग मन की,बता बिन डोर के कैसेl
मेरी नदियों का सागर बन सहारा हो गया होता,
जो मेरे पास है सारा,तुम्हारा हो गया होताl
मिले होते जो तुम हमको,यूँ मेरी मात ना होती,
ये आँखें सोचने वालों…

अगर हम सोचते पहले,तो तुमसे प्यार क्या करते,
वफाओं के लुटेरे पर,समय बर्बाद क्या करते।
मगर चाहत ने दी दस्तक तो ये धन काम ना आया,
मेरे दिल के ठिकाने पर,किसी का नाम ना आया।
अगर होता उजाला तो,चमकती रात ना होती,
ये आँखें सूख जाती तो,कोई बरसात ना होती।
मुहब्बत सोचने वालों….॥

परिचय-अमितू भारद्वाज का जन्म ११ अगस्त १९९५ में ग्राम शिकोहपुर (जिला-बागपत)में हुआ है। उ.प्र. से नाता रखने वाली अमितू वर्तमान में धामपुर जिला बिजनौर (उ.प्र.)में हैं, जबकि स्थाई पता शिकोहपुर ही है। इनकी शिक्षा-स्नातक (बी.एस-सी.)है। कार्यक्षेत्र-लेखापाल(उ.प्र.)का है। लेखन विधा- मुक्तक व गीत है। भाषा ज्ञान-हिन्दी व अंग्रेजी का है। किताब के रुप में एक काव्य संग्रह प्रकाशित है। यह ब्लॉग पर भी लिखती हैं।इनकी लेखनी का उद्देश्य-समाज में व्याप्त वेदना को समझना और कविता के माध्यम से प्रदर्शित कर प्रेम,वीरता इत्यादि सकारात्मक दिशा देना है। आपके पंसदीदा हिन्दी लेखक(कवि)- माखनलाल चतुर्वेदी,हरिवंश राय बच्चन एवं कुमार विश्वास हैं। इनके लिए प्रेरणा पुंज-माखनलाल चतुर्वेदी हैं। रुचि-किताब पढ़ना तथा संगीत है।

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