चलें गाँव की ओर…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************************ याद आ रही चौपालों की,फूल भरे पेड़ों डालों कीगोरी के प्यारे पनघट की,यौवन के मधुर जमघट कीगोधूलि की सुंदर बेला की,टीलों पर सजते मेला कीहरिया के हरे-हरे खेतों की,लकड़ी बाँस और बेतों की।माता की छोटी मढ़िया की,गोलू-छोटू और गुड़िया कीसने धूल से नौनिहालों की,श्याम वर्ण सूखे गालों की।मस्जिद की हरी … Read more