चाँद

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************  ऐ चाँद, तुझे देख, मुझे लगता है यूँ, दुनियादारी के, रंग सभी, तुझमें है भरे, कितना है मतलबी, तू देख अरे…l सूरज का, ले प्रकाश, प्रथमा-द्वितीया को, विनीत भाव से, सूरज के संग, खड़ा रहता है, और सूरज की, सहायता से, सहानुभूति से, जब तेरी, प्रगति होती … Read more

प्यारी चिट्ठियाँ

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************  आसमां पर बादलों की चित्रकारी चिट्ठियाँ। शाम,शब,शबनम,शज़र,गुल रब की प्यारी चिट्ठियाँ। ले के आतीं हैं कभी उम्मीद के सूरज गई, या कभी ढलती हुई शामों-सी हारी चिट्ठियाँ। रात में तारीक़ियाँ बढ़ने लगीं तो फिर यहां, चांद तारे शम’अ सी रोशन उतारी चिट्ठियाँ। दो घड़ी की ज़िंदगी का … Read more

पहचान है ये हिंदी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************  हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. माँ शारदे का न्यारा,वरदान है ये हिंदी। इस हिंद देश की तो,पहचान है ये हिंदी॥ हिंदी है गंगा-यमुना,सी एक नदी पावन। स्वर और व्यंजनों की,लहरें है जिसमें बावन॥ नव पीढ़ी आओ आगे,निज शक्तियां संभालो। पाना है संस्कृति तो,इस नीर में नहा लो॥ संस्कृत-सी … Read more

प्यार कौन करे

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************  ज़िंदगी फिर से ख़ार कौन करे। प्यार अब बार-बार कौन करेl प्यार मीरा-सी इक इबादत है, प्यार को दागदार कौन करेl जिसके किरदार में न खुशबू हो, ऐसी सूरत से प्यार कौन करेl प्यार है इक सदा खमोशी की, प्यार को इस्तहार कौन करेl प्यार की राह … Read more

श्रीकृष्ण की शिक्षा

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’ छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************  कृष्ण जन्माष्टमी स्पर्धा विशेष………. अगर श्रीकृष्ण की शिक्षा का जग को ज्ञान हो जाए, तो मानव जाति का जीवन सुखद वरदान हो जाए। जनम माँ देवकी ने दी,यशोदा माँ ने था पाला, लला वसुदेव का था पर,कहाया नंद का लाला। कि पालनहार का माँ-बाप-सा सम्मान हो जाए, … Read more

देखा है

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ******************************************************************************************** हारना तीरगी का देखा है। हौंसला आदमी का देखा है। मंजिलों की लगन में राही ने, रास्ता कब किसी का देखा है। राह की मुश्किलों से लड़-लड़ के, हमने बढ़ना नदी का देखा है। धूप में बेचता है वो पानी, जीस्त में तिश्नगी का देखा है। सौंपकर … Read more

दो जून की रोटी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* दो जून की रोटी मिलती,हम हैं किस्मतवाले। कितने लोग भूखे रहते हैं,मिलते नहीं निवाले॥ हाथ ठेला लिए धूप में,आम-जाम चिल्लाए, तब जाकर घरवालों को वो,आधा पेट खिलाए। रोटी की खातिर बेचे,गुपचुप चने मसाले, कितने लोग भूखे रहते हैं,…॥ फूल बेचने वाले बच्चे,ढूंढे दृष्टि आस की, आधा तन … Read more

रोशनी के सामने

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* शम्’अ रोशन कर दी हमने तीरगी के सामनेl टिक ना पाएगा अंधेरा रोशनी के सामनेll बिन थके चलता रहे जो मंजिलों की चाह में, हार जाती मुश्किलें उस आदमी के सामनेll पर्वतों से हौंसलों को देखकर हैरान है, आसमां भी झुक गया है अब ज़मी के सामने॥ … Read more

हल्दी

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* एक बहन एक भाई वाले एक आदर्श परिवार में बड़े अरमानों से भाई का विवाह हुआ। गोरी सुंदर दुल्हन घर आई,नये रिश्ते बने, माता-पिता को बहू,बहन को भाभी मिली। और भी नए रिश्तों की सौगातों के सपने सजे,आशाएं बंधीं। कुछ ही दिन बीते थे कि घर में … Read more

जीवन नौका

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* प्रकृति चैत्र मास में जैसे,सकल नवल हो जाती है। जीवन को जीवन देकर माँ,नवजीवन खुद पाती है। तेज भले वैशाख धूप हो,पथ संघर्ष चलाती माँ। अमलतास पलाश शिरीष-सा,खिलना हमें सिखाती माँ। जीवन जेठ दुपहरी-सा तो,माँ है पीपल छाया-सी। जल-सी पावन शीतल निर्मल,मूल्यवान सरमाया-सी। आषाढ़ मास बरखा से … Read more