चल-चल रे नौजवान…
आशा जाकड़ ‘ मंजरी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)*********************************************************** चल-चल रे नौजवान,मातृभूमि पर शीश चढ़ाने अपना सीना तान। माँ का आँचल शत्रुओं ने रक्त रंजित कर दिया,अनगिनत गोलियों से लहू-लुहान कर दिया।माँ की दशा देखकर रो रहा है आज आसमान,चल-चल रे नौजवान….॥ दुश्मनों को गोलियों से भून कर रख देंगे,हाथ जो उठे तो ऊपर खंड-खंड कर देंगे।हौंसले बुलन्द रख सैनिक … Read more