आइना

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* चेहरे की मलिनता को दिखाता है , हाँ! बिल्कुल सच-सच, बोलता है आइना। खुशी में खुश होता है, दु:ख में दुखित होता है आइना। नहीं छिपती है, कोई इसके आगे सच्चाई, झूठ को झूठ सच को सच, बयां करता है आइना। नहीं सीखा है, कभी गिरगिट की तरह रंग बदलना, और … Read more

बदलते खेत

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* नहीं रहे वे खेत, जिसमें से गुजरकर सौंधी-सौंधी खुशबू के साथ हवा के झकोरे आते थेl नहीं रहे वे किसान, जो दिनभर काम करने के बावजूद कभी नहीं थकते थे। नहीं रही वह रौनक, जब किसान को देखकर खेत दूर से मुस्कराते थेl जोतते हुए बैलों के गले में, पड़े घुँघरूओं … Read more

शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ

हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी ओमप्रकाश अत्रि जी  का ०१ मई को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..

मजदूर की आवाज

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* बदलते समय में बदलते रहेंगे, जीवन के दुर्गम मार्गों पर चलते रहेंगे, पूंजी की समरसता से, लड़ते रहेंगे। पिस नहीं पाएंगे, धन के पाटों के बीच, सह नहीं पाएंगे तुम्हारे पैरों की ठोकर, अब अपनी आवाज से तुम्हारी सोई हुई चेतना को, जगाते रहेंगे। होते विकास बदलते समाज में, कम मजदूरी … Read more

हुंकार

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* अपने श्रम को बेचने वाले श्रमिकों, एक हो जाओ जैसे- एक हो जाती हैं आग की लपटें, अब नहीं है तुम्हारे पास, खोने के लिए कुछ भी। तुम्हारा जीवन, जकड़ा है आर्थिक विकास के चरित्र से, तार-तार होकर जीवन चला रहे हो, फिर भी मरते हैं क्यों तुम्हारे बच्चे भूख से … Read more

हौंसला

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* अब दुर्गम मार्गों पर बढ़ चले हैं पांव मेरे, कठिन है यह राह इतनी थक गए हैं पांव मेरे। इस सूने रास्ते में याद कल की आ रही है, व्यर्थ में जीवन गंवाया पानी-सा मैं धन बहाया, याद जब आती है उसकी कांपते हैं पांव मेरे। दूर है मंज़िल मेरी, पर … Read more

जनचेतना

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* राजनीति, हर घर की दहलीज़ पर दस्तक देने लगी है, प्रचार की चहल-पहल गाँव-गाँव और, शहर-शहर में होने लगी है। बढ़ा-चढ़ा कर, भाषणों की ज़ुमलेबाजी भोली-भाली जनता, कुछ-कुछ समझने लगी है, अब नहीं आएगी बहकावे में यारों, वह सीधे तु्म्हारे फेंके गए वादों से आँखें मिलाने लगी है। अब तक ठगते … Read more

जगती चेतना

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* मँहगाई से ऊब चुका हूँ थोड़ी साँस हमें लेने दो, जग में व्याप्त बुराई से लड़-लड़ कर मैं टूट गया हूँ, थोड़ा मुझे सुधर लेने दो। दुनिया के झंझावातों को पागल-सा न जाने कबसे, रो-रोकर मैं झेल रहा हूँ सच पूछो तो मन व्याकुल है, जरा इसे बहला लेने दो। अब … Read more

नारी शक्ति

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* नारी! नहीं रही अब अबला, और न ही पुरुषों की कैद में गिरफ़्त है। वह पुरुषों के साथ, कदम से कदम मिलाकर चलना सीख गई है। माँ के रूप में, मातृत्व की ममता लुटाती, पत्नी के रूप में पत्नी धर्म निभाती है, राजनीति से लेकर खेल तक, जमीं से लेकर अन्तरिक्ष … Read more