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बदलते खेत

ओमप्रकाश अत्रि
सीतापुर(उत्तरप्रदेश)
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नहीं रहे वे खेत,
जिसमें से गुजरकर
सौंधी-सौंधी खुशबू के साथ
हवा के झकोरे आते थेl
नहीं रहे वे किसान,
जो दिनभर काम करने के बावजूद
कभी नहीं थकते थे।
नहीं रही वह रौनक,
जब किसान को देखकर
खेत दूर से मुस्कराते थेl
जोतते हुए बैलों के गले में,
पड़े घुँघरूओं की आवाज में,
मदमस्त होकर
मानो हल के साथ-साथ चलते थे।
तब नहीं पड़ती थी
खेतों में कीटनाशक दवाएं,
और न ही पड़ती थी
खेत को नष्ट करने वाली विभिन्न खादें,
गोबर ही था उस समय
खेतों का रक्षक,
पैदा नहीं होता था दूषित अनाज
और न ही होती थी अब जैसी मौतें।
माना कि फसल,
कम पैदा होती थी खेतों में
फिर भी आज जैसी
बड़ी-बड़ी जानलेवा
बीमारी नहीं घेरती थी,
नहीं खतरा था किसी जान-माल का
मनुष्य के साथ-साथ,
खेती भी हरी-भरी रहती थी।
तब नहीं दुहते थे किसान
आज की तरह खेतों को,
आज तो मानो ऐसे दुहते हैं खेतों को
जैसे इन्जेक्शन लगाकर
दुहते हैं अनपेन्हाई भैंसों को।
नहीं जोतते थे उन हलों से
जो खेत को तहस-नहस करते थे,
नहीं डालते थे वे रसायन
जिससे खड़े-के-खड़े खेत,
बांगर बनकर नष्ट हो जाते थे।
कितना खुशनसीब रहा होगा,
वह किसान
जो खेत में जाकर,
फसल को देखकर
गदगद हो गया होगा,
कितना बदकिस्मत है
आज का किसान,
जो अपने ही पैरों पर
कुल्हाड़ी मारता
फिर बीमारी से परेशान होकर,
रो रहा है बैठा अभागाll

परिचय-ओमप्रकाश का साहित्यिक उपनाम-अत्रि है। १ मई १९९३ को गुलालपुरवा में जन्मे हैं। वर्तमान में पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती शान्ति निकेतन में रहते हैं,जबकि स्थाई पता-गुलालपुरवा,जिला सीतापुर है। आपको हिन्दी,संस्कृत,अंग्रेजी सहित अवधी,ब्रज,खड़ी बोली,भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। उत्तर प्रदेश से नाता रखने वाले ओमप्रकाश जी की पूर्ण शिक्षा-बी.ए.(हिन्दी प्रतिष्ठा) और एम.ए.(हिन्दी)है। इनका कार्यक्षेत्र-शोध छात्र और पश्चिम बंगाल है। सामाजिक गतिविधि में आप किसान-मजदूर के जीवन संघर्ष का चित्रण करते हैं। लेखन विधा-कविता,कहानी,नाटक, लेख तथा पुस्तक समीक्षा है। कुछ समाचार-पत्र में आपकी रचनाएं छ्पी हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-शोध छात्र होना ही है। अत्रि की लेखनी का उद्देश्य-साहित्य के विकास को आगे बढ़ाना और सामाजिक समस्याओं से लोगों को रूबरू कराना है। इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ सहित नागार्जुन और मुंशी प्रेमचंद हैं। आपके लिए प्रेरणा पुंज- नागार्जुन हैं। विशेषज्ञता-कविता, कहानी,नाटक लिखना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
“भारत की भाषाओंं में है 
अस्तित्व जमाए हिन्दी,
हिन्दी हिन्दुस्तान की न्यारी
सब भाषा से प्यारी हिन्दी।”

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