मेरा रफ़ीक
दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** हयात की एक ह़कीकत सुनो, मसरूफ़ हैं सब अपनी जिंदगी में। हसीन लम्हों में सब होंगे साथ, अलविदा कहेंगे वक्त-ए-गर्दिशों में। गर्दिश वक्त में एहसास हुआ, कोई भी मेरे साथ न था। तब कल्ब ने दिया दिलासा कि, मेरा रफ़ीक,मेरा आशना, मेरा हमदम मेरे साथ था॥ साथ था केवल उस … Read more