मेरा रफ़ीक

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** हयात की एक ह़कीकत सुनो, मसरूफ़ हैं सब अपनी जिंदगी में। हसीन लम्हों में सब होंगे साथ, अलविदा कहेंगे वक्त-ए-गर्दिशों में। गर्दिश वक्त में एहसास हुआ, कोई भी मेरे साथ न था। तब कल्ब ने दिया दिलासा कि, मेरा रफ़ीक,मेरा आशना, मेरा हमदम मेरे साथ था॥ साथ था केवल उस … Read more

नारी गाथा…

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** मैं हूँ तो ये संसार है, स्त्री कहो,कांता या भामिनी। दर्प है मुझे इस बात का, कि हूँ मैं इस विश्व की नारी॥ आसान नहीं है रिश्ते निभाना, बीवी,बहू और बेटी के। ईश्वर का दर्जा मिला है मुझे, जननी के स्वरूप में॥ नीर की भाँति निर्मल हूँ, तो समझो न … Read more