खुद से करो सवाल
सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** धरती पर बादल घिरे,संकट के हैं आज। पीछे संकट के छिपे,कुटिल मानसी काजll जो बोता पाता सदा,बोने वाला आप। खुद ही पीड़ा बाँटकर,मिलता है संतापll कहने को मानव स्वयं,बन बैठा भगवान। पर ईश्वर के कोप से,नहीं बचा इंसानll खेल विधाता खेलता,होकर के नाराजl पीछे संकट के छिपे,कुटिल मानसी काजll मानव होकर … Read more