आरती

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* आरती श्रद्धा-विश्वास स्रोत है, भक्ति-शक्ति से ओतप्रोत है। जो आरती हृदय समाता है, पत्थर भी पूज्य हो जाता है। आरती शक्ति का मन्त्र है, किन्तु भक्तों में अंतर है। भगवान को प्रिय होती है, ह्रदय मंदिर की ज्योति है। आरती है एक-नाम विश्वास, आरती ऋद्धि-सिद्धि प्रयास। आरती हृदय का … Read more

हम मन से खारे नहीं

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* यूँ तो सागर हैं हम पर मन से खारे नहीं, मौजों में ही जीते हैं हम किनारे नहीं… अपने दिल को जलाकर रोशनी देते हैं, तुम्हारे पथ में पड़े हैं पर अंगारे नहीं। क्यों सवाल करते कितना प्यार है तुमसे, कहना बनता नहीं बस इजहार है तुमसे… नाप-तौल कभी … Read more