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आरती

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’
रोहतक (हरियाणा)
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आरती श्रद्धा-विश्वास स्रोत है,
भक्ति-शक्ति से ओतप्रोत है।
जो आरती हृदय समाता है,
पत्थर भी पूज्य हो जाता है।

आरती शक्ति का मन्त्र है,
किन्तु भक्तों में अंतर है।
भगवान को प्रिय होती है,
ह्रदय मंदिर की ज्योति है।

आरती है एक-नाम विश्वास,
आरती ऋद्धि-सिद्धि प्रयास।
आरती हृदय का उल्लास,
भगवान भक्त दोनों की प्यास।

आरती-शब्द में जीवन है,
इससे उलझन भी सुलझन है।
आरती पुष्प-भक्ति गुलशन है,
घर-आँगन बने नंदनवन है।

जो आरती-शरण जाता है,
तुरन्त घट पुष्प खिल आता है।
जीवन आरती से होता पावन,
हरा-भरा होता मन आँगन॥

परिचय–डॉ.चंद्रदत्त शर्मा का साहित्यिक नाम `चंद्रकवि` हैl जन्मतारीख २२ अप्रैल १९७३ हैl आपकी शिक्षा-एम.फिल. तथा पी.एच.डी.(हिंदी) हैl इनका व्यवसाय यानी कार्य क्षेत्र हिंदी प्राध्यापक का हैl स्थाई पता-गांव ब्राह्मणवास जिला रोहतक (हरियाणा) हैl डॉ.शर्मा की रचनाएं यू-ट्यूब पर भी हैं तो १० पुस्तक प्रकाशन आपके नाम हैl कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचना प्रकाशित हुई हैंl आप रोहतक सहित अन्य में भी करीब २० साहित्यिक मंचों से जुड़े हुए हैंl इनको २३ प्रमुख पुरस्कार मिले हैं,जिसमें प्रज्ञा सम्मान,श्रीराम कृष्ण कला संगम, साहित्य सोम,सहित्य मित्र,सहित्यश्री,समाज सारथी राष्ट्रीय स्तर सम्मान और लघुकथा अनुसन्धान पुरस्कार आदि हैl आप ९ अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हो चुके हैं। हिसार दूरदर्शन पर रचनाओं का प्रसारण हो चुका है तो आपने ६० साहित्यकारों को सम्मानित भी किया है। इसके अलावा १० बार रक्तदान कर चुके हैं।

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