जहर बांटते हैं…

डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी सिवनी(मध्यप्रदेश) ****************************************************** दबा पान मुख में बगल देखते हैं, सदा थूकने की जगह झांकते हैं। कभी भी कहीं भी पचक कर चलें वो, बड़ी शान से फिर सड़क…

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लोकतंत्र भी बीमार हो गया

डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी सिवनी(मध्यप्रदेश) ****************************************************** आज लोकतंत्र भी बीमार हो गया यहाँ। देशद्रोह रक्तचाप यार हो गया यहाँll वोट मंत्र भेदभाव की धुनी रमा रहे। जात-पात संक्रमण बुखार हो गया यहाँll…

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अब धरती पर आ जाओ

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई, फिर धरती पर आ जाओ। तुम्हें बुलाती ब्रज की नारी, अब धरती पर आ जाओ। हुई है बोझल पृथ्वी…

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हे माँ,प्रचंड रूप धर आ जाओ

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** हो रहा अत्याचार मासूमों पर माँ, बिलख रही किलकारी है माँ। ले करके खड्ग और त्रिशूल माँ, दुष्टों के शीश भेंट चढ़ा जाओ। हे…

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नारी कमजोर नहीं

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** आज की नारी इतनी कमजोर नहीं,जो झुक जायेगी, करो चाहे पुरजोर जतन तुम,नहीं वो रुक पायेगी। दिल की सुंदरता कब भला,तेजाब से खत्म हो…

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