ताजमहल
सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** नल के जल को भी गंगाजल समझिए, भूलकर भी न दुश्मन को निर्बल समझिए। जो हो गया सो हो गया,मत रोइए, मिले हुए हर फल को कर्मफल समझिए। सवालों के शूल से दिल घायल न हो, इक सवाल को दूसरे का हल समझिए। ‘सावन’ सुख से सोइए सूखे बिस्तर पर, … Read more