मन
गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** मन चंचल है तू इतना बेचैन क्यों है मन, किस और भटक रहा है मन… घूम रहा है सपनों के संसार में ए मन, लौट कर आजा उस दुनिया से इस दुनिया में। जहां निराशा है अंधकार है उस और चलें ए मन, जहां सूरज का प्रकाश हो हर तरफ हरियाली … Read more