मन

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** मन चंचल है तू इतना बेचैन क्यों है मन, किस और भटक रहा है मन… घूम रहा है सपनों के संसार में ए मन, लौट कर आजा उस दुनिया से इस दुनिया में। जहां निराशा है अंधकार है उस और चलें ए मन, जहां सूरज का प्रकाश हो हर तरफ हरियाली … Read more

शब्द

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** शब्द मौन है, शब्द ही हँसाते हैं, शब्द ही रुलाते हैं शब्द ही हमें बोलना सिखाते हैं। शब्दों से ही हम किसी के दुश्मन बनते हैं, शब्दों से ही हम किसी के मन में बनते हैं। शब्द ही तो है जो हमे गर्त में ले जाते हैं, शब्द ही हैं जो … Read more

धूप और छाँव

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** धूप और छाँव की लुका-छिपी, कितनी अच्छी लगती है। धूप में जब थक जाओ, छाँव शीतलता देती है। धूप जीवन का कठोर समय है, छाँव ढलती शाम है। हे मानव ! तुम धूप से क्यों घबराते हो, कठिन परिश्रम करके तुम अपना भाग्य बनाते हो। छाँव में जब तुम सबके साथ, … Read more

मतदान करें

गरिमा पंत लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** आओ मतदान करें, फिर से बदलाव करें। लोकतंत्र की हो रही है शादी, हम सब बन जाएं बाराती। वोट हमें डालना है जरुरी, कोई शिकायत न रहे अधूरी। हम सबको जगाना है, मतदान सबको कराना है। अब तो जग जाओ तुम सब, केवल वोट पर चर्चा न करें। हवा बदलाव की … Read more