सबकी ख़बर रखती है
शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ (रचनाशिल्प:बहर-मफाईलुन,फाएलुन,फालातुन) सभी चालों पर नज़र रखती है। हुकूमत सबकी ख़बर रखती है। बुरी आँखों से नज़र लगती है, मग़र माँ मेरी जंतर रखती है। ये डरती हरगिज़ नहीं दुनिया से, कि नारी दिल में गदर रखती है। सियासत की कुछ असर लगती है, कि गंगा माँ भी सबर … Read more