किसान(मर्सिया)
शैलेश गोंड’विकास मिर्ज़ापुरी’ बनारस (उत्तर प्रदेश) ************************************************************************ (रचना शिल्प:फाएलातुन,फाएलातुन,फाएलातुन,फाएलुन) खेत में सूखा पड़ा था,अब्र में बरखा नहीं। थी किसानों को ज़रूरत तो फ़लक बरसा नहीं। आज फसलें पक गई जब,तू…
0 Comments
August 3, 2019