रणछोड़

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** संस्कार,मर्यादा,वचन सब उस समय स्वाह हो जाते हैं,जब सात जन्मों तक साथ निभाने वाली पत्नी छोटी से छोटी समस्या पर भी अपने माँ-बाप,भाई-बहन का साथ देने के लिए पति का साथ छोड़ देती है…. राधा रमण विवाह-विच्छेद (तलाक) की सूचना (नोटिस) को घूरते हुए सोच रहा था। … Read more

माँ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ, एक शब्द नहीं… बल्कि, एक सुखद अनुभूति है। जिसका विश्व तो क्या, ब्रह्माण्ड में भी कोई विकल्प नहीं हैll परिचय-इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैl इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैl वर्तमान और स्थाई निवास … Read more

लोकतंत्र में भी बेबसी

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** विषय कुछ भी हो मगर कहना वही है जो शक्तिशाली ने कहना है और होना भी वही है जो सत्ता पक्ष चाहता है। जैसे भ्रष्टाचार रोको,अर्थात राहुल गांधी या केजरीवाल इत्यादि को रोको। भले ही सैनिक तेज बहादुर यादव इसी झांसे में अपनी नौकरी एवं इकलौता बच्चा … Read more

दरवाजे की चीखें

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** मेरी डायरी-भाग ३ रात के 9 बज रहे थे और वह निर्दयी नशे में धुत मेरे दरवाजे को ईंटों से पीट रहा था,जिसकी ध्वनि मेरी झुग्गियों में रह रहे किरायेदारों के भी कान फाड़ रही थी। वह ईंटों के प्रहारों के साथ-साथ गाली-गलौज भी कर रहा था। … Read more

दिन आ गये…..

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** भूले-बिसरे गीत गाने के दिन आ गयेl समस्त शक्ति दिखाने के दिन आ गयेl माँ बहुत चाहती थी अपनी ब्याही बेटी, अब माँ-बेटी मिलाने के दिन आ गयेl शत्रु बाहरी नहीं सब भीतर हैं घर मेरे, उन्हें सबक सिखाने के दिन आ गयेl शांति भंग करे जो … Read more

बात समझने की है..

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** नजर से नजर मिलाकर बात कर, झूठ ही तो टिका है नाहक ना डर। बात समझने की है ऐ मूर्ख मानव, अर्थहीन सृष्टि है ना भटक दर-दर। यहां तो खाली हाथ आते हैं समस्त, जाते भी यहां से खाली और बदतर। मानवता के नाम पर चल रहे … Read more

झूठी दुनिया

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** चुनौतियां बन गया तुम्हारा तिरस्कार, झूठी दुनिया और अपना घर परिवार। देखो भौंक रही हैं मेरी समस्त गज़लें, और अक्षर बन गए तेज धार तलवार। मुझे शिक्षा दे रहे शराबी और जुआरी, एवं चुपचाप तमाशा देख रही सरकार। लोकतंत्र में मात्र मतदाता पूजे जाते हैं, जिस कारण … Read more

प्राण न्योछावर कर दे

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** थक चुका हूँं भारी प्रहार न कर। काट दे गर्दन तू इन्तजार न कर। मेरे अपने भी अपने ना हुए यहां, रणभूमि है प्रेम का इजहार न कर। रक्त बहता युद्धों में मालूम सबको, शत्रु छोड़कर व्यर्थ उद्धार न कर। बोलती बंद कर दे तिरंगा ऊंचा कर, … Read more

माँ का नूर हो जाओ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** चलो हटो तुम मेरी नजरों से दूर हो जाओ। फिर औकात में रहो या मगरूर हो जाओ। मेरी हस्ती मिटाने वालों सोचो समझो जरा, मुझे मिटाने हेतु ना कहीं चूर-चूर हो जाओ। तुम्हारी यातनाओं की आग में बहुत जला, अब अमृत बनो या क्रूर से क्रूर हो … Read more

घुटन का जीवन

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** मेरी डायरी-भाग २ यह उन दिनों की बात है,जब मैं पत्रकारिता के क्षेत्र में शिखर पर था कि एक परिचित सम्माननीय बुजुर्ग व्यक्ति ने मुझे अपने पास बुलाया और इधर-उधर की अर्थहीन वार्तालाप करने लगे। मैं चिढ़ गया और मैंने उनसे क्षमा याचना करते हुए वहां से … Read more