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रणछोड़

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’
ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर)

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संस्कार,मर्यादा,वचन सब उस समय स्वाह हो जाते हैं,जब सात जन्मों तक साथ निभाने वाली पत्नी छोटी से छोटी समस्या पर भी अपने माँ-बाप,भाई-बहन का साथ देने के लिए पति का साथ छोड़ देती है…. राधा रमण विवाह-विच्छेद (तलाक) की सूचना (नोटिस) को घूरते हुए सोच रहा था।
वह याद कर रहा था,जब उसने शादी के समय अपनी पत्नी को सात वचन दिए थे। वह नोटिस के शब्दों को ना पढ़ते हुए विचारों में खोया था कि हिंदू संस्कृति को क्या हो गया है ? क्यों शादी के बंधन से कहीं पति और कहीं पत्नी रण छोड़ रहे हैं ?, जबकि इनके पीछे परिवार और समाज है,जो स्वयं गृहस्थ रणजीत बनना तो दूर,बल्कि दूसरों को भी रणछोड़ बनाने पर तुले हुए हैं।
राधा रमण की स्मृति में असंख्य प्रश्न थे। वह विचारों में खोया सोच रहा था कि कन्यादान के बाद भी कन्या के माँ-बाप,भाई-बहन अपने दामाद के अच्छे कामों में दखल देकर बेटी-दामाद का वैवाहिक सुखमय जीवन क्यों नर्क बना देते हैं ?
उसने हाताश होकर बीवी को कभी भी ना त्यागने के प्रण के रण को छोड़कर विवाह-विच्छेद के नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए। वह सुकरात द्वारा जहर पीना एवं गीता के मुख्य किरदार श्री कृष्ण के रण छोड़ने की पीड़ा और विवशता अनुभव कर रहा था।

परिचय-इंदु भूषण बाली का साहित्यिक उपनाम `परवाज़ मनावरी`हैl इनकी जन्म तारीख २० सितम्बर १९६२ एवं जन्म स्थान-मनावर(वर्तमान पाकिस्तान में)हैl वर्तमान और स्थाई निवास तहसील ज्यौड़ियां,जिला-जम्मू(जम्मू कश्मीर)हैl राज्य जम्मू-कश्मीर के श्री बाली की शिक्षा-पी.यू.सी. और शिरोमणि हैl कार्यक्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों से लड़ना व आलोचना है,हालाँकि एसएसबी विभाग से सेवानिवृत्त हैंl सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप पत्रकार,समाजसेवक, लेखक एवं भारत के राष्ट्रपति पद के पूर्व प्रत्याशी रहे हैंl आपकी लेखन विधा-लघुकथा,ग़ज़ल,लेख,व्यंग्य और आलोचना इत्यादि हैl प्रकाशन में आपके खाते में ७ पुस्तकें(व्हेयर इज कांस्टिट्यूशन ? लॉ एन्ड जस्टिस ?(अंग्रेजी),कड़वे सच,मुझे न्याय दो(हिंदी) तथा डोगरी में फिट्’टे मुँह तुंदा आदि)हैंl कई अख़बारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंl लेखन के लिए कुछ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैंl अपने जीवन में विशेष उपलब्धि-अनंत मानने वाले परवाज़ मनावरी की लेखनी का उद्देश्य-भ्रष्टाचार से मुक्ति हैl प्रेरणा पुंज-राष्ट्रभक्ति है तो विशेषज्ञता-संविधानिक संघर्ष एवं राष्ट्रप्रेम में जीवन समर्पित है।

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