हमारी हिंदी

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)*********************************************** हिंदी हमारी शान है,हिंदी हमारी जान हैहिंदी हमारी भाषा में,पूरा हिन्दुस्तान है। हिंदी हमारी आन है,हिंदी हमारा मान हैहिंदी हमारी भाषा में,भारत का सम्मान है। हिंदी हमारी है सरल,हिंदी हमारी है सहजहिंदी हमारी भाषा तो,सब भाषाओं में विरल। हिंदी हमारी है अनमोल,जिसका न कोई है मोलहिंदी हमारी भाषा को,तोल-मोल के बोल। … Read more

बरखा रानी आओ

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ बरखा रानी आओ,अभिनंदन है तुम्हाराजम के खूब बरसो,स्वागत है तुम्हारा। मौसम है बहारों का,मौसम है नजारों काशीतल पुरवइया,मन मेरा झूम रहा। नभ मेघा बरस रहे,देखो बदरा गरज रहेमोर बाग में नाच रहे,मन मेरा पुलक रहा। बरसात है भीगी-सी,देखो हवा चले ठंडी-सीचुनरी लहरा रही,देखो पायल खनक रही। बागों में फूल खिले,फूलों से … Read more

‘कोरोना’ को भगाएँ

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** आओ हम सब धैर्य-संयम से ‘कोरोना’ भगाएँ, गले नहीं मिलेंगे,हम हाथ नहीं मिलाएँ। हाथ जोड़ के करें नमस्ते,हँस के मुस्कराएं, अपनी पुरानी संस्कृति को फिर से अपनाएँ। साफ-सफाई हम रखेंगे,हाथ खूब धोएँगे, भीड़-भाड़ से दूर रहेंगे,साथ नहीं बैठेंगें। एकान्त में विचरण कर शुद्ध हवा अपनाएँ, कॉलेज-ऑफिस बंद हो गए,घर … Read more

नानी

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** ग्रीष्मावकाश, नानी की याद आयी… मस्ती के पास। नानी के घर, जाने का इन्तजार… करता मन। नानी का गाँव, मस्ती की पाठशाला… प्यार की छाँव। नानी का घर, आ गया शहर में… खुश खबर। सुनो कहानी, नानीजी के मुख से… पाओ जवानी। नानी के यहाँ, खूब खेली गुड़िया… अब … Read more

शान्ति का परचम लहराना है

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** हमें धरा पर शान्ति का परचम् लहराना है, स्वार्थ को दूर भगा इसे स्वर्ग बनाना है। खून के रिश्ते सिसक रहे, रिश्तों में आ गयी दरार। पावनता सब नष्ट हो रही, जीवन में हो रही तकरार। ईर्ष्या-द्वेष छोड़ प्रेम की जोत जलाना है, हमें धरा पर शान्ति का परचम् … Read more

शान्ति का परचम् लहराना है

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** हमें धरा पर शान्ति का परचम् लहराना है, स्वार्थ को दूर भगा इसे स्वर्ग बनाना है। खून के रिश्ते सिसक रहे, रिश्तों में आ गयी दरार। पावनता सब नष्ट हो रही, जीवन में हो रही तकरार। ईर्ष्या-द्वेष छोड़ प्रेम की जोत जलाना है, हमें धरा पर शान्ति का परचम् … Read more

कहाँ हो तुम ? आ जाओ न

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** बादल गरज रहे हैं बरस रहे हैं, पर मनवा मेरा सुलग रहा है,कहाँ हो तुम ? आ जाओ न। देखो साँझ हो गई है दीपक जल गये हैं, पर मन तो मेरा बुझा हुआ है,कहाँ हो तुम ? आ जाओ न। चाँद ऊपर हँस रहा है चाँदनी खिलखिला रही … Read more

कैसे मनायेंगे अब होली ?

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** कैसे मनायेंगे अब होली ? आतंकी खेल रहे खूनी होली। बहिनों के नेह की सूनी हुई डगर, कपोलों पर बहता सूख गया समन्दर। बिन भैया कैसे लगायेंगी माथे पे रोली ? कैसे मनायेंगे अब होली ? ललनाओं के माथे का सिन्दूर मिट गया, सारा संसार उनका अब वीरान हो … Read more