क्या हमें नहीं पता!

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* ये कौन परेशान है,क्या देश का किसान है।क्या हमारी है खता,क्या हमें नहीं पता… ? मजहबी बयार है जी,देश में दरार है जीनाम का किसान है,हाथ का निशान है।कौम को रहे सता,क्या हमें नहीं पता…? जिद वाली बात है जी,दिन नहीं है रात है जीआढ़ती का ध्यान है,हमें कहा महान है।क्यों … Read more

पतवार को मत दोष दे

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* यदि नाव में सुराख है पतवार को मत दोष दे।शोला नहीं तू राख है अंगार को मत दोष दे। यूँ आग से खेले नहीं अब भी समय है मान ले,अब दांव पर ही साख है सरकार को मत दोष दे। ये क्यों किसानों के मसीहा बन रहे हैं आढ़ती,खतरे में उसका … Read more

अब हल निकलना चाहिए

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* खेत के कानून का अब हल निकलना चाहिए।टहनियां तोड़े बिना ही फल निकलना चाहिए। राजधानी घिर चुकी अलगाव के अंगार में,आग का करने शमन दमकल निकलना चाहिए। बैठ कर चर्चा करो अपनी कहो उनकी सुनो,पाटकर खाई हमें समतल निकलना चाहिए। कूप की बुनियाद में ही आब की तासीर है,जांच कर देखो … Read more

घुंध ने धरती ढकी

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* आढ़ती के जाल में क्यों पूत धरती के जड़े हैं।धुंध ने धरती ढकी है,मेघ औंधे मुँह पड़े हैंll वो भला कैसे पढ़ेंगे पेट का भूगोल मेरा,आढ़ती कैसे लगायेगा फसल का मोल मेरा।देश को अस्थिर बनाने आ गये चिकने घड़े हैं,घुंध ने धरती ढकी है,मेघ औंधे मुँह पड़े हैं…ll देश की सरकार … Read more

कैसे बीता साल

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* कैसे बीता साल पुराना मत पूछो,बैठे-बैठे खाल खुजाना मत पूछो। माह जनवरी बीता उसके स्वागत में,और फरवरी का घट रीता दावत मेंदेख कोरोना मार्च महीना घबराया,कर्फ्यू से वीरान हुई भारत कायाअप्रैल में फिर थाल बजाना मत पूछोlकैसे बीता साल पुराना मत पूछो… मई महीने में भी दहसत छाई थी,कितने मजदूरों ने … Read more

प्यार के दीपक जलाएं

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* आगमन नव वर्ष का हम प्यार के दीपक जलाएं।घिर रहा जो हर दिशा में उस अँधेरे को मिटाएं॥ बादलों में रवि ढला है साँझ होने से भी पहले,शीत नर्तन कर रहा है बर्फ के तू वार सह ले।रोशनी के दीप लाकर बांध दें तम की बलाएं,आगमन नव वर्ष का हम प्यार … Read more