योग,केला और भाला…

जितेन्द्र वेद  इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* निशांत बार-बार सोच रहा था,पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि एक केले से देश का कौन-सा बड़ा नुकसान हो गया कि बात को इतना तूल दिया रहा था। एक अदद केला कुछ समय के लिए भूख मिटा सकता है। खड़े रहने की क्षमता दे सकता…और..कुछ पल के लिए ही … Read more

पापा की तलाश

जितेन्द्र वेद  इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************* मम्मी,मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतनी भीड़ से आमना-सामना होगा। सब तरफ लोग ही लोग। इतने लोगों के बीच पापा को ढूंढना कुछ ऐसा ही है जैसे भूसे के ढेर में से सुई का पता लगाना। फिर तकनीक के इस जमाने में चुंबक की मदद से सुई … Read more

कन्या भोज

जितेंद्र शिवहरे इन्दौर(मध्य प्रदेश) ********************************************************************* चौधरी परिवार कन्या पूजन संपूर्ण मनोयोग और पूरे विधि-विधान से कर रहा था। चैत्र नवरात्र की नवमीं पर कन्या भोज की सभी तैयारी पूरी हो चुकी थी। चौधराईन ने द्वार पर आई कन्याओं को एक-एक कर गिन लिया। पूरी नौ कन्याएं थी। चौधराईन ने माताजी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए … Read more

दार्शनिक की पाठशाला और मैं

जितेंद्र शिवहरे इन्दौर(मध्य प्रदेश) ********************************************************************* जीवन को भली-भांति जानने और समझने के लिए मुझे एक दार्शनिक की कक्षा में कुछ समय बिताने का सौभाग्य मिला। उन्होंने मेरी मुख मुद्रा को भांप कर पहले मुझसे ही भरी महफिल में सवाल किया-“बेटे! तुम्हारे अनुसार जीवन क्या है ?” मैं चौंका। पहला ही प्रश्न मुझसे पूछकर उन आदरणीय … Read more

‘अपनी माँ के चरणों में वो जन्नत छोड़ आया हूँ…’ -काव्य गोष्ठी में देश प्रेम और वीरता पर हुआ काव्यपाठ

इंदौर। संस्था काव्य सागर,इंदौर की विशेष मासिक गोष्ठ सुदामा नगर में आयोजित की गई। कवि-गीतकारों ने गीत-ग़ज़ल के माध्यम से देश के प्रति अपने भक्तिभाव व्यक्त किये। सांवेर से आए वरिष्ठ कवि के पी. चौहान ने ‘नज़र नज़र में फर्क है,कुछ नज़रें बुरी लगती है,गुलदस्ते में खंजर छिपे हैं,जिन्दगी अधूरी लगती है’ कविता पढ़कर दाद … Read more