बाजारी रहेगी

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** ये जब तक उनमें बीमारी रहेगी। सियासत की तरफदारी रहेगी। हम उसमें ढूंढते ही सच रहेंगे, वो बातें सिर्फ अखबारी रहेगी। ग़रीबों से कहां का वास्ता है, तुम्हारी बस अदाकारी रहेगी। रहेंगे जब तलक नस्लों के झगड़े, जहां तक हो महामारी रहेगी। दिखाएंगे भला हम क्या हुनर को, अगर … Read more

अब तो स्कूल जाते हैं

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** जब हम बिल्कुल छोटे थे, नहीं ज़रा भी मोटे थेl करते थे सब प्यार मुझे, देखते सौ-सौ बार मुझेl मम्मी दूध पिलाती थीं, नानी कपड़े लाती थींl पापा सब-कुछ लाते थे, झूले हमें झुलाते थेl फिर जब कुछ हम बड़े हुए, धीरे-धीरे खड़े हुएl लगे बोलने बातें सारी, खाते … Read more

चली गिलहरी

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** चली गिलहरी कवि सम्मेलन में एक कविता पढ़ने, थी इच्छा सम्मान की इतनी लगी रातभर रटनेl आई जैसे ही माइक पर भूल गई वो रचना, उलट-पुलट वो पढ़कर आई सही-सही था पढ़नाl वहीं पे था एक बंदर बैठा बोला कवि जी सुनिए, आइंदा जब जाएं कहीं भी लिखकर उसको … Read more

मोटे हो गये

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** खाये इतना सुबह से शाम, मोटे हो गये पतलूराम। नहीं ज़रा-सा अब चल पाते, बैठे-बैठे बस सो जाते। जहां कभी भी वो घर से निकले, पूरा जिस्म कमर से निकले। फिर भी कम कुछ हुआ न खाना, हर शादी में लाज़िम जाना। माँ जब कहती कम कुछ खाओ, दौड़ो … Read more