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बाजारी रहेगी

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी
नालंदा (बिहार)
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ये जब तक उनमें बीमारी रहेगी।
सियासत की तरफदारी रहेगी।

हम उसमें ढूंढते ही सच रहेंगे,
वो बातें सिर्फ अखबारी रहेगी।

ग़रीबों से कहां का वास्ता है,
तुम्हारी बस अदाकारी रहेगी।

रहेंगे जब तलक नस्लों के झगड़े,
जहां तक हो महामारी रहेगी।

दिखाएंगे भला हम क्या हुनर को,
अगर हर चीज बाज़ारी रहेगी।

नज़र से दूर जिसको कर दिया है,
वो सब भी बेटियां प्यारी रहेगी।

तुम्हारी सोच चाहे जो करो तुम,
हमारी तो वफादारी रहेगी॥

परिचय-आप शायर और आलोचक हैं तथा हिन्दी,उर्दू सहित मैथिली भाषा के कई पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन जारी है। डॉ.जियाउर रहमान जाफरी की शिक्षा एम.ए.(हिन्दी) और बी.एड. सहित पीएचडी(हिन्दी) है।आपकी प्रकाशित कृति मेंं ‘खुले दरीचे की खुशबू(हिन्दी ग़ज़ल)’,और ‘खुशबू छूकर आई है’तथा  ‘चाँद हमारी मुट्ठी में है(बाल कविता)’  आदि हैं। आप आपदा विभाग और राजभाषा विभाग(बिहार) पुरुस्कृत हैं।डॉ.जाफरी का निवास बिहार राज्य के नालंदा जिला स्थित बेगूसराय में है। आप बतौर सम्प्रति बिहार सरकार में अध्यापन में सक्रिय हैं। 

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