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चली गिलहरी

डॉ.जियाउर रहमान जाफरी
नालंदा (बिहार)
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चली गिलहरी कवि सम्मेलन में
एक कविता पढ़ने,
थी इच्छा सम्मान की इतनी
लगी रातभर रटनेl
आई जैसे ही माइक पर
भूल गई वो रचना,
उलट-पुलट वो पढ़कर आई
सही-सही था पढ़नाl
वहीं पे था एक बंदर बैठा
बोला कवि जी सुनिए,
आइंदा जब जाएं कहीं भी
लिखकर उसको पढ़िएll

परिचय-आप शायर और आलोचक हैं तथा हिन्दी,उर्दू सहित मैथिली भाषा के कई पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन जारी है। डॉ.जियाउर रहमान जाफरी की शिक्षा एम.ए.(हिन्दी) और बी.एड. सहित पीएचडी(हिन्दी) है।आपकी प्रकाशित कृति मेंं ‘खुले दरीचे की खुशबू(हिन्दी ग़ज़ल)’,और ‘खुशबू छूकर आई है’तथा  ‘चाँद हमारी मुट्ठी में है(बाल कविता)’  आदि हैं। आप आपदा विभाग और राजभाषा विभाग(बिहार) पुरुस्कृत हैं।डॉ.जाफरी का निवास बिहार राज्य के नालंदा जिला स्थित बेगूसराय में है। आप बतौर सम्प्रति बिहार सरकार में अध्यापन में सक्रिय हैं। 

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