बदरा घिर आए
मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश) ***************************************** गगन घन घिरे,पवन फिर उड़ेघटा बन छायो रे,सावन आयो रे। उगेगीं अब नई कोपलें,लहराएगी बेलेंअठखेली कर रही रश्मियाँ,हरियाली खेलेघरती ने श्रृंगार किया है,रुप अनोखा पायो रे।सावन आयो रे… गुन-गुन कर रहीं चिरैया,नया संदेशा लाएभंवरे की गुंजन सुन के,कलियाँ भी मुस्काएफूलों से सज गया बगीचा,राग मल्हार सुनाए रे।सावन आयो रे… चैत की … Read more