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युग नया आएगा

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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प्रभाती कोई दूर पर,
गा रहा है
बढ़ो सामने युग नया,
आ रहा है।
नयी रुपरेखा बनी,
जिंदगी की
नयी चाँदनी अब,
खिलेगी खुशी की।
हृदय मानवों का भरेगा,
नमन शत धरा को
गगन,
अब करेगा।
नया चन्द्रमा शान्ति,
बरसा रहा है
नया ज्ञान का सूर्य,
मुस्का रहा है।
पगों में सभी के,
अतुल शक्ति होगी
मन में सभी के,
नवल भक्ति होगी।
सुधा धार में वेग,
सा आ रहा है
तृषित-सा मनुज शान्ति,
कुछ पा रहा है।
जगेगी नवल चेतना,
मानवों की
मिटेगी असद कल्पना,
दानवों की।
धरा पर नया स्वर्ग,
बस कर रहेगा
तुम्हारी कथा विश्व,
मानव कहेगा।
कि इतिहास नूतन,
रचा जा रहा है।
बढ़ो,सामने युग,
नया आ रहा है॥

परिचय–श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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