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पुस्तक ज्ञान की कुंजी

मनोरमा जोशी ‘मनु’ 
इंदौर(मध्यप्रदेश) 
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विश्व पुस्तक दिवस स्पर्धा विशेष……

पुस्तक ज्ञान की कुंजी है। पुस्तक के माध्यम से हम अनेक प्रकार का ज्ञान अर्जन करते हैं,मनोरंजन की बातें भी करते हैं। पुस्तक हमारी सच्ची मित्र है,व्यस्त उबाऊ क्षणों में खुशी का पल है।
पुस्तक एक अमर तत्व है। पुस्तक हमारे ज्ञान का बगीचा है,जिसमें अनेक प्रकार की जानकारियां होती है। ये हमारी मार्गदर्शक है।
तन-मन को बहलाने के लिए एक कोहिनूर हीरा है,मन की बैसाखी है। जैसे-बगिया में पुष्प सुशोभित होता है,वैसे ही पुस्तक पढ़कर मन प्रतिपल मस्तिष्क में ताजगी लाता है। मन पंछी जैसे उड़ता एकाग्रता में खो जाता है। भांति-भांति के चिन्तन उर में लाता है,अपनी पहचान बढा़ता है।
छात्रों,लेखकों और विद्यालयों में इसका उत्साह रहता है। पुस्तक-साहित्य समाज का दर्पण है। मुझे इस पर गर्व है,और हमेशा रहेगा।

परिचयश्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर जिला स्थित विजय नगर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है। शिक्षा-स्नातकोत्तर और संगीत है। कार्यक्षेत्र-सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं।विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक,मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है।कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। एक काव्य संग्रह में आपकी रचना प्रकाशित हुई है।

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