सँभल-सँभलकर चलना होगा

कल्पना शर्मा ‘काव्या’जयपुर (राजस्थान)********************* जो हम चाहें सुखमय जीवन,विपत-कसौटी कसना होगा।ज़िन्दगी है राह काँटों भरी,सँभल-सँभल कर चलना होगा॥ जीवन तुला पर फूल और काँटे,काँटों का पलड़ा भारी बहुत।हम तो दूर…

0 Comments