कुछ यूँ ही…
डॉ.नीलम कौर उदयपुर (राजस्थान) *************************************************** कुछ कहने-सुनने के लिए नहीं, कभी यूँ ही मिलने-मिलाने को आ। जानता है तू मुझे इतना ही काफी है, पहचान अपनी कुछ बढा़ने को आ। नहीं है ख्वाहिश कोई जिद अपनी मनवाने की, बस इतना ही कि तू मुझे रिझाने को आ। कहते हैं मिलने-मिलाने से मिटती हैं दूरियां, कुछ … Read more