‘ज’ से जल…जीवन भी

कुसुम सोगानीइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************** ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… ये पानी जिन्दगानी,क्यों ना समझे प्राणीआग लगे पे कुँआ खोदे,ढूँढे मिले ना पानी। ये साँस है,ये आस हैविकास है,प्रकाश है‘ज’ से जल है प्राणी,गुजर गया वो वक़्तमनुष ने खूब बहाया पानी,पानी है बिन मोल सोच केकि पानी की मनमानी। ये उमंग है,तरंग हैसुगंध है,संचयन कर पानीगुजर … Read more

अंतरिक्ष स्वप्न

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** यह कलियुग है, और कलयुग भी। नित नूतन यंत्रों का आविष्कार, पल-पल होता परिष्कार। इनके बल पर ही देखे जाते, अंतरिक्ष में उड़ने के स्वप्न प्राप्त होते नित नूतन अनुभव। खोजे जाते सृष्टि के सूक्ष्म रहस्य, ग्रह,उपग्रहों के भिन्न-भिन्न घनत्व। प्राप्त सूचनाएं संभाव्य, मानव जीवन का निर्वाह नहीं रुकती … Read more

कटुवचन

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** मानव को मिला वाणी का वरदान। सधते उसी से संसार के व्यवहार। ज्ञान विज्ञान मनोरंजन, सभी तो जुड़े हैं वाणी के सूक्ष्म तंतु से। मानव मन पर करती राज्य, संतों की अमृतमय वाणी। हरती दुःख-क्लेश देती शाश्वत शान्ति। ठीक उलटा, कटुवचन प्रभाव पल में भरता मन में द्वेष-भाव, पनपता … Read more

शिव महिमा

श्रीमती पुष्पा शर्मा ‘कुसुम’ अजमेर(राजस्थान) **************************************************** शिव शंकर कैलाश में गिरिजा सोहे साथ में, गोद लिये गणपति नंदी पे सवार है। जटा मुकुट शीश पर कटि सोहे बाघम्बर, अर्धचन्द्र भाल पर शीश गंगधार है। भस्म अंग मुण्डमाल भूषण बने हैं व्याल, रुद्राक्षों से सज रहा अदभुत श्रंगार है। शोभित त्रिशूल कर मोहता डमरू स्वर, चढ़े … Read more