‘ज’ से जल…जीवन भी
कुसुम सोगानीइंदौर (मध्यप्रदेश)****************************** ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… ये पानी जिन्दगानी,क्यों ना समझे प्राणीआग लगे पे कुँआ खोदे,ढूँढे मिले ना पानी। ये साँस है,ये आस हैविकास है,प्रकाश है‘ज’ से जल है प्राणी,गुजर गया वो वक़्तमनुष ने खूब बहाया पानी,पानी है बिन मोल सोच केकि पानी की मनमानी। ये उमंग है,तरंग हैसुगंध है,संचयन कर पानीगुजर … Read more