मैं बस चौकीदार
डॉ.विभा माधवी खगड़िया(बिहार) *********************************************************************************************** जिसने पहुंचाया तुम्हें,सत्ता का दरबार। तुमने दुत्कारा उसे,दुश्मन का बन यार॥ दुश्मन का बन यार,जभी मैदां में आया। देशभक्त ने टाँग,खींचकर मजा चखाया। समझ न आई बात,हराया उसको किसने। निश्चित उसकी हार,अकड़ दिखलायी जिसने॥ देखो बोलूंगा यहां,मैं बस चौकीदार। भीड़ कहेगी ‘चोर है’,जी मेरे सरकार॥ जी मेरे सरकार,नहीं ये मेरे चमचे। … Read more