वक़्त

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* मंजिल भी मिलेगी तुझे एक दिन, तू हौंसलों की उड़ान बनाता चल क्योंकि,वक़्त बदलते वक्त नहीं लगता। खिलेगी मुस्कुराहट भी तेरी एक दिन, तू अपनी हँसी से सबको हँसाता चल क्योंकि,वक़्त बदलते वक्त नहीं लगता। थिरक उठेगा तेरी जिंदगी का साज, तू घुँघरुओं की झंकार बजाता चल क्योंकि,वक़्त बदलते वक्त … Read more

बाप की चिंता

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* देख कर करतूत जमाने की,मेरा खून ख़ौल उठता है, कैसे पैदा करूँ मैं बेटी,एक बेबस बाप बोल उठता हैl अगर दुनिया में आयी मेरी बेटी,ये दरिंदे जीने ना देंगे, ना सुख से रह पाएगी वो,घूंट पानी का पीने ना देंगेl कहां छिपाऊँगा उस कली को,कहाँ-कहाँ साथ जाऊंगा, ना जाने कब … Read more

नेता बनाम किसान

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* चुनावों का मौसम चल रहा है,वोटों की गर्मा-गर्मी है, किसान का हाल देखो,उसकी नस-नस में तना-तनी हैl नेता वोट बटोरने में हैं व्यस्त,जा रहे हैं ये जनता के द्वार, किसान को लपेटा आग ने,तो कभी पड़ी ओलों की मारl दिन-रात कुर्सी के लिए,ये सफेदपोश नेता भाग रहे हैं, फसल की … Read more

झूठ-फरेब का दौर

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* खत्म हुआ वक़्त इंसानियत का,झूठ-फरेब का चला दौर है, सच्चाई को दबाने को,झूठी खबरों का सोशल साइट पर शोर है। अपनी गलती ढंकने को लोग,दूसरों पर झूठे इल्जाम लगाते हैं, घर की बहन-बेटियों को,हथियार बनाने से भी नहीं कतराते हैं। जिस थाली में खाया उसी में छेद,फिर दूसरों को साँप … Read more

क्या यही माँ ??

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* पूछ रही हूँ मेरी माँ मैं तुझसे,बस तू ये मुझको बता दे, क्यो फेंका मुझे कूड़ेदान में,अब मुझको तू ये जता दे। नौ महीने तक रखा पेट में,फिर ऐसी क्या मजबूरी थी, नहीं चाहिए थी बेटी तुझको,तो पैदा करनी जरूरी थी। क्या तेरी कोख में पली नहीं,या मैं तेरे खून … Read more

सुकून

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं, भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं। चैन भी नहीं मिला नींद भी मुक्कमल नहीं थी.., बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी..। कुछ बातें थी अनकही कुछ पर तो मैंने … Read more